PM मोदी ने पड़ोसियों की तरफ किया इशारा, बोले- विदेशी भूमि पर नजर नहीं रखता भारत
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : भारतीय मूल के लोगों को विश्व में भारत का स्थायी राजदूत करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि पिछले तीन-चार वर्षों में भारत में महत्वपूर्ण बदलाव आया है, हमारे प्रति दुनिया का नजरिया बदल रहा है तथा भारत के लोगों की आशाएं-आकांक्षाएं इस समय उच्चतम स्तर पर हैं। अरुणाचल में चल रहे सीमा विवाद पर पीएम मोदी ने पड़ोसी मुल्कों चीन और पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि भारत कभी किसी की जमीन और संसाधनों पर नजर नहीं रखता।
प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप लोग लंबे समय से अलग-अलग देशों में रह रहे हैं। आपने अनुभव किया होगा कि पिछले तीन-चार वर्षों में भारत के प्रति नजरिया बदला है। हमारे ऊपर ध्यान बढ़ रहा है, विश्व का हमारे प्रति नजरिया बदल रहा है तो इसका मुख्य कारण यही है कि भारत स्वयं बदल रहा है, इसमें बदलाव आ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, जैसा पहले था, वैसे ही चलता रहेगा, कुछ बदलेगा नहीं, इस सोच से भारत अब बहुत आगे बढ़ चुका है। भारत के लोगों की आशाएं-आकांक्षाएं इस समय उच्चतम स्तर पर हैं। व्यवस्थाओं में हो रहे संपूर्ण परिवर्तन का, इसमें हो रहे अपरिवर्तनीय बदलाव का परिणाम आपको हर क्षेत्र में नजर आएगा। उन्होंने कहा कि जब भी किसी देश की यात्रा करता हूं, तो मेरा प्रयास होता है कि वहां रहने वाले भारतीय मूल के लोगों से मिलूं। मेरे इस प्रयास का सबसे बड़ा कारण है कि मैं मानता हूं कि विश्व के साथ भारत के संबंधों के लिए यदि सही मायने में कोई स्थायी राजदूत है तो वे भारतीय मूल के लोग हैं।
मोदी ने कहा कि आपको यहां देखकर आपके पूर्वजों को कितनी प्रसन्नता हो रही होगी, इसका अंदाजा हम सभी लगा सकते हैं। वो जहां भी होंगे, आपको यहां देखकर बहुत खुश होंगे। सैकड़ों वर्षों के कालखंड में भारत से जो भी लोग बाहर गए, भारत उनके मन से कभी बाहर नहीं निकला। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं कि भारतीय मूल के प्रवासी जहां भी गए, वहीं पूरी तरह समावेशित हो कर, घुल मिलकर उस जगह को अपना घर बना लिया। उन्होंने जहां एक तरफ खुद में भारतीयता को जीवित रखा, तो दूसरी तरफ वहां की भाषा, वहां के खान-पान, वहां की वेश-भूषा में भी पूरी तरह घुल-मिल गए।
उन्होंने कहा कि राजनीति की बात करूं तो मैं देख रहा हूं कि कैसे भारतीय मूल की एक मिनी विश्व संसद मेरे सामने उपस्थित है। आज भारतीय मूल के लोग मॉरीशस, पुर्तगाल और आयरलैंड में प्रधानमंत्री हैं। भारतीय मूल के लोग और भी बहुत से देशों में शासनाध्यक्ष और सरकार के मुखिया रह चुके हैं।
इस दौरान पीएम मोदी ने प्रथम और दूसरे विश्व युद्ध में भारतीयों सैनिकों के शहीद होने की बात रखते हुए कहा कि विश्व को भारत के बलिदान का महत्व समझना होगा। भारत में अगले साल 2019 में कुंभ मेले का आयोजन होना है, जिसमें शामिल होने का निमंत्रण पीएम मोदी ने प्रवासी सांसदों को भी दिया। उन्होंने कहा कि यूनेस्को ने कुंभ मेले को पहचान दी है। न्यू इंडिया में प्रवासियों की ओर से सहयोग के लिए पीएम मोदी ने अपील करते हुए कहा कि चाहे आप किसी भी देश में हो, लेकिन उम्मीद की जाती है कि न्यू इंडिया के कॉन्सेप्ट में योगदान जरूर देंगे। इस सम्मेलन में 23 देशों के 140 सांसद और कई मेयर कार्यक्रम में पहुंचे हैं।