लापरवाही : खाद से भरे मालगाड़ी के एक डिब्बे को विशाखापत्तनम से बस्ती आने में लगे 4 साल
सत्ता विमर्श ब्यूरो
गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के बस्ती रेलवे स्टेशन पर जब मालगाड़ी का खाद से भरा एक डिब्बा पहुंचा तो उसके बुकिंग स्लिप को देखकर मालगोदाम के अधिकारी हैरान रह गए। स्लिप से पता चला कि इस खाद भरे डिब्बे को विशाखापट्टनम से बस्ती की 1326 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग चार साल लग गए। इस डिब्बे में 1316 डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) खाद की बोरियां थी जो तीन नवंबर 2014 को विशाखापत्तनम से बुक किए गए थे। मालगाड़ी का यह डिब्बा बीते 25 जुलाई की दोपहर बस्ती पहुंचा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तीन नवंबर 2014 को बस्ती के खाद व्यापारी रामचंद्र गुप्ता के लिए इंडियन पोटास लिमिटेड (आइपीएल), विशाखापत्तनम से डीएपी खाद 42 वैगन बुक किया था, जिसे विशाखापत्तनम पोर्ट रेलवे स्टेशन से चलकर उत्तर मध्य रेलवे के बस्ती स्टेशन आना था, लेकिन मालगाड़ी 42 वैगन की जगह 41 बैगन लेकर ही बस्ती पहुंची थी और एक वैगन कहीं गायब हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, उस एक वैगन की तलाश को लेकर तब से रेलवे के अधिकारी और मेसर्स रामचंद्र गुप्ता दर्जनों पत्र रेलवे को लिख चुके थे लेकिन वैगन का कहीं कुछ पता नहीं चल सका।
रिपोर्ट के अनुसार, जांच में पता चला कि पुरानी बस्ती के मेसर्स राजेंद्र गुप्ता के लिए इंडियन पोटास लिमिटेड ने वैगन बुक कराकर डीएपी खाद मंगाया था। तय समय में वैगन नहीं पहुंच पाया था। यह वैगन कहां रह गया था यह कोई बताने वाला नहीं है। वैगन में 1316 डीएपी खाद की बोरियां मिली हैं जिनमें से अधिकतर खराब हो चुकी हैं और कुछ बोरियां फट भी गईं हैं। इस बारे में उत्तर पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव ने बताया कि यह खाद भरी मालगाड़ी 2014 में विशाखपत्तनम से बस्ती के लिए भेजी गई थी लेकिन इसका एक डिब्बा वहां से रवाना होते ही खराब हो गया और यार्ड में ही खड़ा रहा।
निश्चित रूप से साढ़े तीन साल तक वैगन का न पहुंचना आश्चर्य की बात है। यह रेलवे की भीषण लापरवाही का एक नमूना है। इस डिब्बे को 1326 किलोमीटर रेल मार्ग का सफर तय करने में 3 साल 8 महीने 22 दिन लग गए, जबकि विशाखापत्तनम से बस्ती स्टेशन तक पहुंचने का कुल समय 42 घंटे 13 मिनट है। रेलवे की इस लापरवाही से 10 लाख रुपये की खाद बर्बाद हो गई। रिपोर्ट के अनुसार रामचंद्र गुप्ता ने कई बार रेलवे से इस बारे में शिकायत की थी, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई।