गुजरात लौटे हार्दिक, 'दंगल-2' का शंखनाद कर मोदी पर बोला हमला
सत्ता विमर्श ब्यूरो
अहमदाबाद : गृह राज्य से बाहर 6 महीने का समय बिताने के बाद पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल मंगलवार को गुजरात लौटे और अप्रत्यक्ष तौर पर सत्तारूढ़ भाजपा का हवाला देते हुए राज्य में व्याप्त तानाशाही के खिलाफ पटेलों से एकजुट होकर आंदोलन का दूसरा चरण शुरू करने का आह्वान किया।
हार्दिक की वापसी पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने भी बयान जारी किया है. रूपानी ने कहा है, ‘आरक्षण मुद्दे पर सरकार हार्दिक औऱ दूसरे आंदोलनकारियों से बात करने के लिए तैयार है। हमने उन्हें रैली करने की इजाजत भी दी है। रूपानी ने यह भी कहा कि वे हमेशा सकारात्मक माहौल में आंदोलनकारियों से बात कर विभिन्न मुद्दों को सुलझाने के लिए तैयार हैं।
साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में रैली को संबोधित करते हुए 23 वर्षीय नेता ने ओबीसी कोटा के तहत अपने समुदाय के लिए आरक्षण का हक पाने की लड़ाई को अंजाम तक ले जाने का संकल्प जताया और ‘जीएमडीसी जैसे दंगल’ के लिए उनसे तैयार रहने को कहा। उन्होंने 2015 की अपनी उस रैली का हवाला दिया जिसके माध्यम से राज्य में पटेल समुदाय के लोग एकजुट हुए।
हार्दिक ने कहा, ‘हम सब में हो सकता है कि मतभेद हो। हो सकता है कि आप में से कुछ मेरी मुखर प्रवृति के कारण मुझे पसंद नहीं करते हों। लेकिन सारे मतभेद भुला दीजिए और गुजरात में व्याप्त तानाशाही के खिलाफ एकजुट होकर लड़िए।’ हार्दिक का यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब राज्य सरकार पटेल समुदाय के साथ अपने संबंधों को दुरूस्त करने की कोशिश कर रही है। पटेल समुदाय को भाजपा का समर्पित वोटर माना जाता है। गुजरात में इस साल के अंत में चुनाव होना है।
गुजरात पहुंचने के बाद हार्दिक ने राज्य को शहीदों और जननेताओं की भूमि बताते हुए नमन किया और इसके साथ ही समुदाय को इंसाफ दिलाने की प्रतिज्ञा करते हुए कहा, ‘मैं अपने समुदाय के लोगों को न्याय दिलाने के लिए हमेशा ये लड़ाई जारी रखूंगा।’ इस दौरान हार्दिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। खादी कैलेंडर विवाद की बात करते हुए हार्दिक ने कहा, ‘आप चरखे के साथ बैठ नहीं सकते और खुद को गांधी कहते हैं।’
आगे की रणनीतियों के बारे में हार्दिक ने कहा, ‘भाजपा ने पटेलों को धोखा दिया है, अगले विधानसभा चुनावों में उसे हराने के लिए हम जी-जान एक कर देंगे। यूपी चुनावों में भी हम भाजपा का जमकर विरोध करेंगे और उसी पार्टी का साथ देंगे जो हमें समर्थन देगी।’ हार्दिक की घर वापसी के साथ ही उनकी अध्यक्षता वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) ने ऐलान किया है कि पटेल आरक्षण आंदोलन का दूसरा चरण शुरू हो चुका है।
उन्होंने कहा, ‘हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम आपको आरक्षण दिलाने तक नहीं बैठेंगे। हम इसे निश्चित तौर पर लेंगे अन्यथा छीन लेंगे।’ पिछले साल कोटा आंदोलन के पहले चरण में हिंसा के लिए देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हार्दिक उदयपुर से लौटने के बाद सीधे रैली स्थल पर गए। गुजरात उच्च न्यायालय ने उस समय इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह छह महीने तक राज्य से बाहर रहेंगे। जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था। इसके बाद से वह राजस्थान के उदयपुर में रह रहे थे।
हार्दिक ने कहा, ‘मेरा अब दो ही लक्ष्य है। पहला किसी भी कीमत पर पटेलों के लिए आरक्षण। दूसरा मैं आपको राज्य में डर के इस शासन से निजात दिलाना चाहता हूं।’ उन्होंने ‘दंगल’ के दूसरे चरण के लिए अपने समुदाय के नेताओं को एकजुट होकर काम करने को कहा। हार्दिक ने कहा, ‘एक बार फिर साथ आइए। मैं राज्य के हरेक हिस्से में हर नागरिक के पास पहुंचना चाहता हूं। हमारे मुद्दों पर उन्हें जगाइए। जीएमडीसी जैसे दंगल के लिए फिर से हाथ मिलाइए। अगर सरकार हमें अनुमति देती है तो मैं जीएमडीसी में रैली को संबोधित करने के लिए तैयार हूं।’
अगस्त 2015 में हार्दिक ने कोटा लाभ के लिए अपने समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग पर जीएमडीसी मैदान में विशाल रैली का आयोजन किया था। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि आंदोलन का मकसद सरकार को उखाड़ना नहीं है। रैली को संबोधित करने के बाद हार्दिक पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का आशीर्वाद लेने गांधीनगर के लिए रवाना हो गए।