बजट का इंतजार कर लेते सरकार
केंद्र सरकार ने रेल किराये में 14.2 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। माल भाड़े में भी 6.5 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। ये बढ़े दाम 25 जून से लागू हो जाएंगे। कहने का मतलब यह कि अगर आप पहले से टिकट बुक करा चुके हैं, तो भी आपको बढ़ा हुआ किराया यात्रा करते वक्त ट्रेन में टीटीई को चुकाना होगा। इसे कहते हैं अच्छे दिन के कड़वे घूंट। ऐसे में तो लोगों के जेहन में सवाल उठना लाजिमी है कि चुनाव के दौरान पूरे देश में नरेंद्र मोदी ने अपार जनसमूह को महंगाई मुक्त भारत देने का जो वादा किया था वह क्या धोखा था। और अगर वह धोखा नहीं था तो यह जनता से वादाखिलाफी नहीं है? अगर इस तर्क को मान भी लें कि यह फैसला यूपीए सरकार ने ही ले लिया था, मोदी सरकार ने तो बस इसे लागू किया है तो फिर पिछली सरकार के नियुक्त किए गए राज्यपालों को हटाने का फैसला मोदी सरकार क्यों ले रही है। उसे भी आगे बढ़ाना चाहिए।