ओआईसी की बैठक में सुषमा स्वराज की दो टूक; कहा- आतंकवाद को पनाह और फंडिंग बंद हो
सत्ता विमर्श डेस्क
नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) की बैठक में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दो टूक कहा कि आतंकवाद का दायरा बढ़ा है। आतंकवाद से लड़ाई किसी धर्म विशेष के खिलाफ लड़ाई नहीं है। इसलिए आतंकवाद को पनाह और उसकी फंडिंग बंद होना चाहिए। आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है।
सुषमा ने कहा कि एक महान धर्म और प्राचीन सभ्यताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले मुल्कों से आए साथियों के बीच आकर मैं काफी सम्मानित महसूस कर रही हूं। मैं उस देश की प्रतिनिधि हूं, जो ज्ञान का भंडार रहा है, शांति का दूत रहा है, आस्था व परम्पराओं का स्रोत रहा है, बहुत-से धर्मों का घर रहा है और दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। सुषमा ने कहा, ओआईसी के सदस्य संयुक्त राष्ट्र के एक-चौथाई हैं और लगभग एक-चौथाई मानवता का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत का आपसे बहुत कुछ साझा है, और हममें से बहुत से उपनिवेशवाद के काले दिन भुगते हैं। भारत विविधताओं से भरा देश है। भारत में हर धर्म के लोग हैं, सभी धर्म और संस्कृतियों का सम्मान किया जाता है।
मालूम हो कि भारत को 57 इस्लामिक देशों के समूह ने पहली बार अपनी बैठक में आमंत्रित किया है। सुषमा ने बतौर विशिष्ट अतिथि बैठक को संबोधित किया। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में भारत और ओआईसी के बीच यह नया संबंध स्थापित हो रहा है। इससे पहले ओआईसी की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के शामिल होने की वजह से पाकिस्तान ने बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है कि मैं विदेश मंत्रियों की काउंसिल बैठक में शिरकत नहीं करूंगा। यह उसूलों की बात है, क्योंकि (भारत की विदेश मंत्री) सुषमा स्वराज को 'गेस्ट ऑफ ऑनर' के रूप में न्योता दिया गया है। पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर हमले के बाद इस्लामाबाद ने काफी प्रयास किया था कि ओआईसी के लिए स्वराज का आमंत्रण रद्द हो जाए मगर स्वराज जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनाव की पृष्ठभूमि में ही इस बैठक में हिस्सा ले रही हैं।