संयुक्त राष्ट्र में गरजीं सुषमा, कहा- आतंक फैलाने के साथ उसे नकारने में भी पाकिस्तान माहिर
संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 73वें सत्र में शनिवार को भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान ऐसा पड़ोसी देश है जिसे आतंकवाद फैलाने के साथ-साथ अपने किए को नकारने में भी महारत हासिल है। पाकिस्तान को आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह बताते हुए सुषमा ने कहा कि 26/11 का मास्टरमाइंड हाफिज सईद अब तक खुला घूम रहा है।
अपने संबोधन में सुषमा ने जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद को दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती बताया। पाकिस्तान द्वारा बातचीत के प्रस्ताव पर सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत हमेशा बातचीत से मुद्दों को सुलझाने का पैरोकार रहा है, लेकिन पाकिस्तान हमेशा धोखा देता है। 'हम मानते हैं कि बातचीत से जटिल से जटिल मुद्दे सुलझाए जा सकते हैं, पाक के साथ वार्ताओं के दौर चले हैं, लेकिन हर बार पाकिस्तान की हरकतों के चलते बातचीत ठहर जाती है।
सुषमा ने कहा कि पहले की सरकारों की तरह मोदी सरकार ने भी बातचीत का रास्ता अपनाया था, इसलिए पीएम मोदी ने अपने शपथ ग्रहण में सार्क देशों के प्रमुखों को बुलाया था। सुषमा ने कहा कि वह खुद भी इस्लामाबाद गईं थी, लेकिन उसके तुरंत बाद ही पठानकोट हमला हुआ। पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमारन खान द्वारा भेजे गए बातचीत के प्रस्ताव पर भी सुषमा ने भारत का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि भारत ने वार्ता के लिए हामी भर दी थी, लेकिन उसी वक्त तीन भारतीय सैनिकों का अपहरण करके उनमें से एक को मार दिया गया।
पाकिस्तान में खुले में घूम रहे 26/11 हमले के मास्टरमाइंड का जिक्र करते हुए भारत की विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका पर हुए हमले (9/11) का मास्टरमाइंड (लादेन) तो मारा गया, लेकिन सईद अब तक खुला घूम रहा है, रैलियां करता है, चुनाव लड़ता है और भारत को धमकियां भी देता है। पाकिस्तान द्वारा आतंकी बुरहान वानी को शहीद बताने और उसकी तस्वीर वाली डाक टिकट जारी करने पर सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को सम्मान देता है और उनके लिए डाक टिकट तक जारी करता है।
विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसी हरकतों को कानून बनाकर तब ही रोका जा सकेगा जब आतंकवाद की परिभाषा साफ होगी। अगर इसमें देर की गई तो आतंकवाद का दानव दुनिया को निगल लेगा। यहां सुषमा ने पिछले साल पाकिस्तान द्वारा यूएन में दिखाई गई गलत तस्वीर का भी जिक्र किया जिसमें एक जख्मी लड़की की फोटो को पाकिस्तान ने कश्मीर का बताया था, लेकिन वह असल में फिलिस्तीन की थी।
सुषमा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपने आपको कितना भी बचाए लेकिन दुनिया ने उसका चेहरा पहचान लिया है। यहां उन्होंने पाकिस्तान के फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट यानी संदिग्धों वाली सूची में शामिल होने का जिक्र किया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान भारत पर मानवाधिकार के उल्लंघन का आरोप लगाता है, लेकिन खुद मारने वालों के साथ खड़े होता है और मारे जाने वालों पर चुप्पी साधता है।
पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा कहा कि लादेन उसके यहां नहीं है। अमेरिका भी पूरी दुनिया में उसे खोजता रहा, लेकिन बाद में पता चला कि खुद को अमेरिका का दोस्त बताने वाले पाकिस्तान ने ही उसे पनाह दी हुई थी। हालांकि, अमेरिका ने अपना बदला ले लिया, लेकिन पाकिस्तान की हिमाकत देखिए कि सब सच दुनिया के सामने आने के बाद भी ऐसे दिखाता है जैसे उसने कोई गुनाह किया ही नहीं हो।
पाकिस्तान के बाद सुषमा ने संयुक्त राष्ट्र को भी कुछ कड़े कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र ने अपने आप को वक्त के साथ नहीं बदला तो यह संगठन आने वाले वक्त में अपनी गरिमा खो देगा। सुषमा ने यूएन को आतंकवाद और आतंकवादी की परिभाषा जल्द से जल्द तय करने की सलाह दी। उन्होंने सुरक्षा परिषद में भारत समेत बाकी देशों की एंट्री का मुद्दा फिर से उठाते हुए यह भी कहा कि यह संगठन मैं, मेरा मुझको की जगह अगर हम, हमारा और सबको पर चलेगा तो ही बच सकेगा।