भारत-पाक तनाव कम करने को दोहरी रणनीति पर काम कर रहा अमेरिका
सत्ता विमर्श डेस्क
वॉशिंगटन : मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को कम करने के लिए अमेरिका दोहरी रणनीति पर काम रहा है। यह जानकारी ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका की पहली रणनीति सीमा पार घुसपैठ रोकने और भारत में खासतौर पर कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय और अन्य सहायता नहीं देने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाना है। दूसरी रणनीति भारत को जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य करने के लिए प्रोत्साहित करना और राज्य के लोगों के मानवाधिकार की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
अमेरिकी अधिकारियों की मानें तो ट्रंप प्रशासन जम्मू-कश्मीर में, खासतौर पर घाटी में मानवाधिकार के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अमेरिका जम्मू कश्मीर क्षेत्र में लोगों को हिरासत में लिए जाने और प्रतिबंध जारी रहने को लेकर काफी चिंतित है। अमेरिका निजी अधिकारों का सम्मान, कानूनी प्रक्रिया का अनुपालन और प्रभावित क्षेत्र में समावेशी संवाद का आग्रह करता है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि फ्रांस में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर मोदी और ट्रंप के बीच होने वाली बैठक में मानवाधिकार का मुद्दा भी उठने की उम्मीद है। राष्ट्रपति ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह जरूर सुनना और जानना चाहेंगे कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के तौर पर भारत की क्षेत्र में तनाव कम करने और कश्मीर में मानवाधिकारों के प्रति सम्मान कायम रखने की क्या योजना है।
जहां तक पाकिस्तान की बात है तो ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने और उसकी जमीन पर सक्रिय उन आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, जिन्होंने भारत में हमले किए हैं। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच यह अहम है कि इस्लामाबाद अपनी जमीन का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद के लिए नहीं करने देने की प्रतिबद्धता दिखाए। उन्होंने 1989 में पाकिस्तान की ओर से भारत में आतंकवादियों और नॉन स्टेट प्लेयर्स की घुसपैठ का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका ने इस्लामाबाद को इस तरह के हथकंडे दोहराने के प्रति चेतावनी दी है। 1989 का हथकंडा कश्मीरियों की और यहां तक कि पाकिस्तान की नाकामी थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका नहीं चाहता कि पाकिस्तान भारत में आतंकवादियों और नॉन-स्टेट ऐक्टर्स की घुसपैठ के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा स्थिति का लाभ उठाए।
अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्त पोषण के खिलाफ प्रतिबद्धता पूरी नहीं करने की स्थिति में फाइनेंशिंग ऐक्शन टास्कफोर्स (एफएटीएफ) की काली सूची में डालने की चेतावनी दी। फ्रांस आधारित एफएटीएफ अंतर-सरकारी संगठन है जो मनी लॉन्ड्रिंग और टेररिज्म फाइनैंसिंग के खिलाफ नीतियां बनाता है।