JNU में फिर से लाल परचम, वामपंथी गठबंधन का चारों सीटों पर कब्जा, ABVP बनी नंबर-2
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। एक बार फिर से लेफ्ट यूनिटी ने कैंपस में लाल परचम फहराया। चुनाव परिणाम की खास बात यह रही कि इस दफा चारों ही सीटों पर वामपंथी गठबंधन को जीत मिली है जबकि एबीवीपी बड़ी हार के साथ दूसरे स्थान पर रही। जेएनयू चुनाव में पहली बार मैदान में उतरे अध्यक्ष पद के लिए छात्र राजद के उम्मीदवार जयंत जिज्ञासु चौथे स्थान पर रहे। कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के लिए चुनाव परिणाम काफी निराशाजनक रहा। एनएसयूआई उम्मीदवारों का प्रदर्शन बापसा से भी खराब रहा।
मतों की गिनती खत्म होने के बाद @jnu_voice के मुताबिक, अध्यक्ष पद के लिए वामपंथी गठबंधन के उम्मीदवार एन. साईं बालाजी ने एबीवीपी के ललित पांडे को हराया। बालाजी को 2151 मत मिले वहीं एबीवीपी के ललित पांडे 972 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। उपाध्यक्ष पद पर वामपंथी गठबंधन की सारिका चौधरी ने 2592 वोट के साथ जीत दर्ज की। वहीं एबीवीपी की गीता श्री 1013 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। जनरल सेक्रेटरी (महासचिव) के पद पर लेफ्ट यूनिटी के ऐजाज अहमद को 2426 वोट मिले वहीं एबीवीपी के गणेश 1235 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। ज्वाइंट सेक्रेटरी (संयुक्त सचिव) पद पर लेफ्ट यूनिटी की अमुथा जयदीप ने 2047 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। एबीवीपी के वेंकट चौबे को 1290 मत मिले।
मालूम हो कि शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में लगभग 70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। यह जेएनयू छात्र संघ चुनाव में अब तक का सर्वाधिक मतदान प्रतिशत है। निर्वाचन समिति के अनुसार, कुल 7650 वोटों में से 5185 वोट डाले गए। जब शुक्रवार रात काउंटिंग शुरू हुई तो मतगणना प्रक्रिया की जानकारी नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए एबीवीपी के सदस्यों ने विरोध जताया। उसके बाद मतगणना स्थगित कर दी गई। चुनाव समिति ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने मतगणना एजेंटों के आने के लिए घोषणा की थी और नियमों का पालन किया गया।
जेएनयू चुनाव समिति के मुताबिक, 14 सितंबर को रात 10 बजे शुरू हुई मतगणना प्रक्रिया को मतगणना स्थल पर जबरन प्रवेश और सीलबंद मत पेटियों एवं मतपत्रों को छीनने की कोशिश के बाद स्थगित कर दिया गया था। इसमें कहा, सोशल मीडिया और छात्रों के बीच एक दुर्भावनापूर्ण झूठ फैलाया जा रहा है कि निर्वाचन समिति ने तीन बार घोषणा नहीं की तथा सेंट्रल पैनल फॉर कंबाइंड स्कूल्स एंड स्पेशल सेंटर्स के मतगणना एजेंटों के प्रवेश के साथ ही गिनती शुरू कर दी। समिति ने कहा कि निर्वाचन समिति स्पष्ट करना चाहती है कि उसने मतगणना शुरू होने के लिए तीन बार घोषणा की और लाउडस्पीकर के जरिये बाहर (मतगणना स्थल के) खड़े छात्रों को भी इसकी जानकारी दी।
निर्वाचन समिति ने कहा, इसके बाद निर्वाचन समिति के सदस्यों ने सुरक्षाकर्मियों को इस बारे में सूचना दी और उनसे कहा कि अगर मतगणना एजेंट हो तो उसे इकट्ठा करें। उन्होंने कहा, 10 उम्मीदवारों के 14 मतगणना एजेंट मतगणना स्थल पर पहुंचे। इसके बाद मतगणना प्रक्रिया शुरू हुई। मतगणना एजेंटों की मौजूदगी में सील बक्सों को खोला गया। तय मानकों के मुताबिक, एक बार बक्सों की सील खुलने के बाद कोई नया मतगणना एजेंट मतगणना स्थल पर नहीं जा सकता। इसमें कहा गया, निर्वाचन समिति ने नए मतगणना एजेंटों को उस मतगणना स्थल पर प्रवेश देने के अनुरोध को खारिज कर दिया। कुछ छात्र जबरन इमारत में घुस गए और मतगणना स्थल पर पहुंच गए जिसके बाद हमें मतगणना प्रक्रिया रोकनी पड़ी थी।