मोदी सरकार को दोहरा झटका; खुदरा महंगाई दर में वृद्धि, IIP भी लुढ़का
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार को फिर झटका लगा है। खुदरा महंगाई में 1 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है। नवंबर में खुदरा महंगाई दर यानी सीपीआई बढ़कर 4.88 फीसदी पर पहुंच गई है। यह दर 15 महीने का उच्च स्तर है। वहीं, अक्टूबर में यह दर 3.58 फीसदी रही थी। बीते साल अक्तूबर में खुदरा महंगाई दर 4.2 फीसदी थी। इससे पहले, यह इस साल मार्च माह में 3.89 फीसदी के उच्च स्तर पर थी। वहीं आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर माह में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर बढ़कर 1.9 फीसदी रही। सितंबर माह में यह 1.25 फीसदी थी।
सब्जियों के मूल्यों में वृद्धि दर लगभग दोगुनी बढ़कर 7.47 फीसदी रही, जबकि सितंबर माह में यह 3.92 फीसदी थी। प्रोटीन से प्रचूर खाद्य पदार्थों जैसे अंडे तथा दूध (एवं उसके उत्पाद) भी महंगे रहे। फल हालांकि सितंबर की तुलना में अक्तूबर महीने में सस्ता रहा। दालों की कीमतों में गिरावट बरकरार रही और अक्तूबर माह में यह 23.13 फीसदी रही। सितंबर माह में यह 22.51 फीसदी थी। महीना दर महीना के आधार पर ईंधन तथा बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। आवास क्षेत्र में भी महंगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
केन्द्र सरकार को दूसरा झटका औद्योगिक उत्पादन सूचकांक से लगा है। औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर अक्टूबर में कम होकर 2.2 फीसदी रह गई। सितंबर के दौरान देश का औद्योगिक उत्पादन 3.8 फीसदी पर था। वहीं, पिछले साल इसी माह में यह 4.2 प्रतिशत थी। लिहाजा, महीने दर महीने के साथ-साथ पिछले साल की तुनला में भी देश में औद्योगिक उत्पादन निचले स्तर पर पहुंच गया है।