दिल्ली फिर से हुई आप की; ऐतिहासिक जीत पर बोले अरविंद केजरीवाल- गजब कर दिया आपने
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के जनादेश ने साफ कर दिया कि दिल्ली तो आप की है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को इस बार 70 में से 62 सीटें हासिल हुईं यानी 88 प्रतिशत सीटें। पिछली बार आप ने 67 सीटें जीती थीं यानी 96 प्रतिशत सीटें। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल लगातार दो बार 88 प्रतिशत सीटें जीतने वाले देश के पहले नेता बन गए हैं। ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद मंगलवार को अपराह्न करीब 3.30 बजे पार्टी मुख्यालय पर अरविंद ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने दिल्लीवालों को इस भारी जीत के लिए धन्यवाद करते हुए कहा- गजब कर दिया आपने। आई लव यू। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली पर हनुमानजी ने कृपा बरसाई। भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि देश में अब नई राजनीति का जन्म हुआ है, जिसे काम की राजनीति कहते हैं। अब यही देश को आगे ले जाएगी।
भारतीय जनता पार्टी को इस बार 8 सीटें मिलीं यानी पिछली बार से पांच सीटें ज्यादा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि हम सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरविंद केजरीवाल को जीत की बधाई दी और कहा कि वे दिल्ली वालों की उम्मीदों को पूरा करें। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का एक बार फिर खाता नहीं खुला। सात साल से सत्ता से दूर पार्टी फिर शून्य पर अटक गई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केजरीवाल को जीत की बधाई दी।
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हालांकि यह पहले से ही लग और दिख भी रहा था कि दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की स्थति मजबूत रहेगी। शुरुआती रुझान में भी यही दिख रहा था। लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा घाटा होता दिख रहा है। इसके पीछे का कारण चाहे जो भी हों, लेकिन शाहीन बाग के माध्यम से जो संदेश दिल्ली के मतदाताओं में गया उससे मतदाताओं का रूझान थोड़ा बदला और भाजपा को जो कोर वोट आप की तरफ जाने वाला था वह जरूर भाजपा में ठहर गया। इस चुनाव में पहले से दो पार्टियों के बीच लड़ाई साफ दिख रही थी। एक राजनीतिक ध्रुव का नेतृत्व आम आदमी पार्टी कर रही थी तो दूसरे का भाजपा नेता मोदी और शाह। भाजपा ने दिल्ली चुनाव में भी अपने पारंपरिक चुनाव प्रचार का ही सहारा लिया और शाहीन बाग, हिन्दू-मुस्लिम, राष्ट्रवाद के मुद्दे को उछालने की कोशिश की और इसमें काफी सफल भी रही। अगर शाहीन बाग और नागरिकता संशोधन कानून को मुद्दा नहीं बनाती तो भाजपा शायद खाता भी नहीं खोल पाती। आम आदमी पार्टी का दावा है कि इस बार दिल्ली चुनाव बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा जैसे मुद्दों पर लड़े गए हैं और भाजपा की लाख कोशिश के बाद भी मतों का ध्रूवीकरण नहीं हो पाया।
देश के चुनावी इतिहास की सातवीं सबसे बड़ी जीत
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने लगातार दूसरे साल 88 प्रतिशत या उससे ज्यादा सीटें हासिल की हैं। अरविंद केजरीवाल की आप ऐसा करने वाली देश की पहली पार्टी बन गई है। देश के चुनावी इतिहास में यह सातवीं सबसे बड़ी जीत है। हालांकि, चुनावी नतीजों में 100 प्रतिशत सक्सेस रेट के भी रिकॉर्ड हैं। 1989 में सिक्किम संग्राम परिषद और 2009 में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने भी विधानसभा चुनाव में 32 में 32 सीटें जीत ली थीं।
कांग्रेस पार्टी का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन
66 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली कांग्रेस का इस बार भी खाता नहीं खुल पाया। हालत यह रही कि किसी भी सीट पर उसका प्रत्याशी दूसरे नंबर पर भी नहीं आ पाया। पार्टी के तीन प्रत्याशी बमुश्किल अपनी जमानत बचा पाए। गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली को 19 प्रतिशत, बादली से देवेंद्र यादव को 20 प्रतिशत और कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त को 19 प्रतिशत वोट मिले। आप छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर चांदनी चौक से लड़ने वाली कद्दावर नेता अलका लांबा की भी जमानत जब्त हो गई।
ट्रेंड्स कायम, एग्जिट पोल भी सही साबित हो रहे
ट्रेंड्स की बात करें तो दिल्ली में जब भी वोटिंग कम होती है तो सरकार नहीं बदलती। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में 62.59 प्रतिशत वोट डाले गए। यह पिछली बार के मुकाबले करीब 5 प्रतिशत कम हैं और केजरीवाल की सरकार की वापसी हुई है। 2003 में 53 प्रतिशत और 2008 में 58 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इन दोनों ही चुनावों में सरकार नहीं बदली थी। 2013 में दिल्ली के लोगों ने उस वक्त तक की सबसे ज्यादा 65.63 प्रतिशत वोटिंग की थी। जब नतीजे आए तो 15 साल से सत्तारूढ़ कांग्रेस की विदाई हो गई। 2015 के चुनाव में अब तक का सबसे ज्यादा 67.12 प्रतिशत मतदान हुआ। 70 में से 67 सीटें आम आदमी पार्टी ने जीती थीं। चुनाव परिणाम से पहले अलग-अलग खबरिया चैनलों ने जो एग्जिट पोल प्रसारित किए थे वो भी चुनावी नतीजे के आसपास ही रहे।
दिल्ली में मुस्लिम बहुल सीटों पर भी आप का परचम
दिल्ली की सियासत में मुस्लिम मतदाता 12 फीसदी के करीब हैं। कुल 70 सीटों में से 8 विधानसभा सीटों को मुस्लिम बहुल माना जाता है, जिनमें बल्लीमारान, सीलमपुर, ओखला, मुस्तफाबाद, चांदनी चौक, मटिया महल, बाबरपुर और किराड़ी सीटें शामिल हैं। इन विधानसभा क्षेत्रों में 35 से 60 फीसदी तक मुस्लिम मतदाता हैं। इन सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी ने अच्छी जीत दर्ज की है। शाहीन बाग के इलाके वाली ओखला सीट से आम आदमी पार्टी के अमानतुल्ला खान ने बड़ी जीत दर्ज की है। इनके बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था। इसके अलावा त्रिलोकपुरी और सीमापुरी सीट पर भी मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी संख्या है। इन दोनों सीटों से भी आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है। मालूम हो कि अन्य राज्यों की तर्ज पर दिल्ली में भी भाजपा ने कोई भी मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है। वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पांच-पांच मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे थे।