भाजपा हर पांच साल पर चुनाव से ठीक पहले राम मंदिर मुद्दे पर करती है ध्रुवीकरण : चिदंबरम
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को भाजपा पर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर मुद्दे पर ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि इस मुद्दे पर वह सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का इंतजार करेगी।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राम मंदिर मुद्दे पर अगली सुनवाई जनवरी 2019 में करने का निर्णय लेने के बाद यहां कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, यह एक जानी-पहचानी कहानी है। भाजपा हर पांच साल बाद चुनाव से पहले राम मंदिर मुद्दे पर विचारों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर कांग्रेस का मत स्पष्ट है। पार्टी का मत है कि मामला सर्वोच्च न्यायालय में है और सभी को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का इंतजार करना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि हमें जल्दबाजी करनी चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अगले साल जनवरी में सुनवाई करने का निर्णय लिया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में अयोध्या के विवादित स्थल के तीन हिस्से कर राम लला, निर्मोही अखाड़ा और मुस्लिम वादी में बांट दिया था।
भाजपा द्वारा कांग्रेस पर सर्वोच्च न्यायालय में मामले की कार्रवाई बाधित करने के आरोप पर चिदंबरम ने कहा, अगर आप सार्वजनिक रूप से यह बयान देते हैं तो यह सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना होगी। इसलिए मेरा आग्रह है कि यह बयान सार्वजनिक रूप से ना दें। उन्होंने कहा, सर्वोच्च न्यायालय निर्णय लेगा कि सुनवाई कब होनी है। इसका निर्णय हम नहीं लेते हैं कि अदालत सुनवाई कब करेगी। मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग से संबंधित एक प्रश्न पर चिदंबरम ने कहा, यह निर्णय कार्यकारी सरकार द्वारा लिया जाता है। अगर कोई अध्यादेश लाना चाहता है तो इसका जवाब प्रधानमंत्री देंगे, बशर्ते वह इस मुद्दे पर कोई भी जवाब देने के इच्छुक हों।