आपने तो काशी की आत्मा ही मार दी साहेब!
Published: Fri, Jan 04, 2019 05:40 pm
मशहूर शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खां अक्सर कहा करते थे कि बनारस का मतलब ही है बना रहे रस। वाराणसी जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है को लोग प्यार से सदियों से बनारस कहते आए हैं। देश विदेश से लोग बाबा भोले नाथ के दर्शन को तो आते ही हैं साथ ही यहां कि गलियों में बसता जीवन कौतूहल का विषय रहा है। कहते हैं काशी की गलियों में ही उसकी आत्मा बसती हैं लेकिन साहेब का फरमान है कि इन गलियों को खत्म कर इसे क्योतो बना दो। साहेब ठहरे गुजरात के। इन्हें क्या पता काशी यानी बनारस का रस इन्हीं गलियों में है। साहेब के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर की योजना दरअसल मंदिर के प्रांगण का विस्तारीकरण है। इस विस्तारीकरण के तहत एक कॉरिडोर का निर्माण होना है जिससे काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा के घाट एक-दूसरे के सीधे संपर्क में आ जाएंगे।