दक्षिणी चीन सागर में फिर से बढ़ा तनाव, चीन और अमेरिका के युद्धपोत आए आमने-सामने
बीजिंग : अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अशांति का एक प्रमुख कारण बने दक्षिणी चीन सागर (साउथ चाइना सी) का विवाद एक बार फिर बढ़ गया है। दक्षिणी चीन सागर में अमेरिकी और चीनी जहाज करीब-करीब आमने-सामने आ गए। अमेरिका के मुताबिक, चीन का युद्धपोत उसके युद्धपोत के 41 मीटर के दायरे में आ चुका था। इसके बाद दोनों देशों ने एक दूसरे के ऊपर विवाद को भड़काने का आरोप लगाया है। यह मामला दक्षिणी चीन सागर के नानशा द्वीप समूह (स्पार्टली द्वीप समूह) का बताया जा रहा है।
अमेरिका ने चीनी नौसैनिक पोत पर आरोप लगाए हैं कि जब एक अमेरिकी युद्धपोत ने विवादित दक्षिण चीन सागर में प्रवेश किया था तो चीनी पोत 'असुरक्षित एवं गैर पेशेवर' तरीके से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा था। चीन ने भी दक्षिण चीन सागर में उन द्वीपों और चट्टानों के पास से अमेरिकी युद्धपोत के गुजरने पर मंगलवार को कड़ा विरोध जताया है जिन पर वह अपना कब्जा बताता है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक बयान में कहा, अमेरिकी विध्वंसक डेकाटूर ने 30 सितंबर को चीन सरकार की इजाजत के बगैर चीन के नानशा द्वीपसमूह के द्वीपों और चट्टानों से लगे जल क्षेत्र में प्रवेश किया।
चीनी प्रवक्ता हुआ ने बताया कि चीनी नौसैनिक पोत ने अमेरिकी युद्धपोत की शिनाख्त की, उसे चेताया और वहां से हटाया। उन्होंने जोर दिया कि नानशा द्वीपसमूह (स्पार्टली द्वीपसमूह) और उसके इर्दगिर्द के जलक्षत्र पर चीन की निर्विवाद संप्रभुता है। इस बीच, अमेरिका के एक आधिकारिक बयान में चीनी विध्वंसक के इस कदम को 'असुरक्षित बताया' क्योंकि वह अमेरिकी युद्धपोत के 41 मीटर के दायरे में आ चुका था।
अमेरिका के प्रशांत बेड़े के उप प्रवक्ता नेट क्राइसेनसेन ने कहा कि चीनी विध्वंसक दक्षिण चीन सागर में गावेन रीफ के पास असुरक्षित एवं गैर पेशेवराना तरीके से यूएसएस डेकाटूर के पास पहुंचा। चीन ने कहा है कि उन्होंने कहा, अमेरिकी पक्ष ने बार-बार दक्षिण चीन सागर में चीनी द्वीप व चट्टानों के समीप अपने युद्धक पोत भेजे, जिससे चीन की संप्रभुता व सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया। इसके साथ ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंध को नुकसान पहुंचा और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता काफी कमजोर हुई। (एजेंसियां)