टाटा ग्रुप मिस्त्री की सभी कंपनियों से तोड़ेगा नाता
देश के बेहद संजीदा और नामी कॉरपोरेट हाउस के तौर पर मशहूर टाटा ग्रुप में पिछले एक साल से अंदरुनी राजनीति सरेआम होती रही है। साइरस मिस्त्री इसके केन्द्र में रहें हैं। अब ग्रुप ने एन चंद्रशेखरन की अगुवाई में एक और अहम फैसला लिया है, जो मिस्त्री के खिलाफ होगा। टाटा ग्रुप जल्द ही साइरस मिस्त्री की कंपनियों से पूरी तरह नाता तोड़ सकता है।
लांग डिस्टेंस रनर चंद्रशेखरन क्या लौटा पायेंगे टाटा संस की खोई साख?
इंदिरा नूई, अरुण सरीन, नोएल टाटा जैसों को पछाड़ते हुए टाटा संस के नए चेयरमैन का खिताब नटराजन चंद्रशेखरन ने हासिल कर लिया है। टाटा ग्रुप के 149 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक गैर पारसी शख्स ने ये मुकाम हासिल किया हो। लेकिन इस सबके बीच सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या वो टाटा संस की खोई साख को वापिस लौटा पायेंगे, जिस पर साइरस मिस्त्री प्रकरण की वजह से बट्टा लगा है।
डोकोमो विवाद पर साइरस ने खोला मुंह, कहा- बंद करें कहना कि टाटा संस के मूल्यों को तोड़ा गया
कॉरपोरेट जगत में इन दिनों टाटा संस में चल रही उथल पुथल की चर्चा है। रोज नए खुलासे और इस मसले को लेकर राजनीति हो रही है। अब साइरस मिस्त्री ने डोकोमो विवाद पर अपना पक्ष साझा किया है। उन्होंने कहा है कि टाटा संस को उनके सभी फैसलों की जानकारी थी। उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मिस्त्री ने ये भी कहा कि डोकोमो के साथ समझौता उनके चेयरमैन बनने से पहले ही हो गया था। दरअसल, टाटासंस ने मिस्त्री पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कम्पनी के मूल्यों और नियमों के खिलाफ जाकर समझौता किया।