ममता पर बोले पर्रिकर- ये तो पॉलिटिकल फ्रस्ट्रेशन का परिचायक है
राज्यसभा और लोकसभा में शुक्रवार का दिन पश्चिम बंगाल में सेना तैनाती को लेकर हंगामे के नाम रहा। एक तरफ जहां तृणमूल कांग्रेस ने इस तैनाती को गहरी साजिश बताया तो वहीं केन्द्र की ओर से रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने इसे ममता सरकार का पोलिटिकल फ्रस्ट्रेशन यानी राजनीतिक हताशा का सबब बताया।
नोटबंदी पर संसद में गतिरोध जारी, जानिए! गुरुवार को सदन में कौन क्या बोला?
नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद में आज भी गतिरोध कायम रहा जहां लोकसभा में विपक्षी सदस्य मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराए जाने पर अड़े रहे वहीं राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों की मांग थी कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन के बाहर दिये गये अपने एक बयान पर माफी मांगे।
नगरोटा में आतंकी हमले पर संसद में भारी हंगामा
नोटबंदी और जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में हुए आतंकी हमले के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में बुधवार को भारी हंगामा हुआ। राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि सरकार ने कहा है कि वह इन दोनों मुद्दों पर सदन में बहस के लिए तैयार है।
आखिर क्यों भरोसे के लायक नहीं हैं PM मोदी?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भरोसे के लायक नहीं हैं क्योंकि उन्होंने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया है। सिब्बल ने कहा कि यूं तो मोदी दावा करते हैं कि नोटबंदी से पैदा हुए हालात 50 दिन में सामान्य हो जाएंगे, लेकिन आरबीआई को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट के बदले उतनी ही मात्रा में नए नोट लाने में करीब 180 दिन से अधिक का वक्त लग जाएगा।
जारी है रस्साकशी- आठवें दिन भी स्थगित हुई कार्यवाही
संसद में तू-तू मैं-मैं का खेल शुक्रवार को भी जारी रहा। पक्ष और विपक्ष की दलीलें शोर-शराबे के बीच गुम गई और लगातार आठवें दिन सदन की कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा। शुक्रवार का दिन प्रधानमंत्री के उस बयान पर जाकर टिका जिसमें उन्होंने नोटबंदी से भ्रष्टाचारियों को हो रही फजीहत पर बल दिया था।
नोटबंदी : संसद में गतिरोध जारी, मनमोहन पर जेटली का पलटवार
बड़े नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के खिलाफ विपक्ष के तीखे तेवरों के कारण संसद में गुरुवार को भी गतिरोध कायम रहा। हालांकि राज्यसभा में इस मुद्दे पर कुछ समय के लिए चर्चा हुई जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार पर विपक्ष के हमले की अगुवाई करते हुए इस कदम को प्रबंधन की विशाल विफलता करार दिया। इसपर जेटली ने मनमोहन के वार पर पलटवार किया।
मनमोहन की बातों पर शिवसेना फिदा, कहा- इनसे सीखो सरकार
नोटबंदी को लेकर केंद्र पर कई बार निशाना साधने, फिर संसद में सरकार के साथ खड़े होने और उसके बाद इस मसले पर मनमोहन की बात का तहेदिल से स्वागत करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को फिर मोदी सरकार को घुड़की दे दी। उद्धव ने सरकार के इस कदम को ‘आम आदमी से लूट’ बताया और भाजपा व मोदी सरकार से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बात को गंभीरता से लेने को कहा।
नोटबंदी : मनमोहन ने मोदी को दिखाया आईना, कहा- यह 'संगठित लूट' और 'कानूनी डाका' है
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी पर मोदी सरकार के फैसले को आईना दिखाते हुए कहा है कि ये बिना तैयारी के लिया गया फैसला है और इससे देश की जीडीपी को 2 फीसदी तक का नुकसान होगा। मनमोहन सिंह यहीं नहीं रुके। उन्होंने नोटबंदी के सरकारी फैसले को संगठित लूट एवं कानूनी डाका तक कह दिया।
नोटबंदी : संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध बरकरार
नोटबंदी को लेकर विपक्ष सदन के बाहर तो हमलावर है ही सदन में भी पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार बरकरार है। मोदी सरकार के निर्णय को लेकर आम लोगों को हो रही परेशानियों के विरोध में विपक्षी नेताओं ने भी अपने तीखे तेवर कायम रखते हुए प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर संसद में बयान देने की मांग को लेकर भारी हंगामा किया जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर बाधित रही।
लगातार छठे दिन दोनों सदन की कार्यवाही भारी शोर-शराबे के बीच स्थगित
शीतकालीन सत्र के छठे दिन भी भारी शोरशराबे के बीच संसद की कार्यवाही फिर एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में मंजर एक सा ही रहा। हालांकि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहे। बावजूद इसके नोटबंदी के मुद्दे पर दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ। वैसे, बुधवार सुबह संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विपक्ष के संयुक्त धरने में ही यह साफ हो गया था कि विपक्ष अपनी मांगों पर डटा हुआ है।